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बिहार में खोई हुई जमीन को अपने नाम कैसे करें: Land Survey 2025 पूरी प्रक्रिया

बिहार सरकार ने भूमि विवादों को खत्म करने और डिजिटल रिकॉर्ड अपडेट करने के लिए विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम (Special Survey and Settlement Programme) शुरू किया है। यह सर्वे राज्य के लगभग 45,000 गांवों में चलाया जा रहा है।

अगर आपकी जमीन का रिकॉर्ड गायब है या वह किसी और के नाम पर है, तो यह सर्वे आपकी जमीन को वैध रूप से अपने नाम कराने का सुनहरा मौका है। सही प्रक्रिया अपनाकर आप अपना हक सुरक्षित कर सकते हैं।

बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम क्या है?

यह योजना बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम, 2011 के तहत संचालित होती है। मुख्य उद्देश्य:

  • जमीन के मालिकान हक का निर्धारण
  • नए खतियान (Record of Rights) और भू-मानचित्र (Land Map) का निर्माण
  • डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना और पारदर्शिता बढ़ाना
  • भविष्य में भूमि विवाद कम करना

मुख्य तथ्य:

विवरणजानकारी
कार्यक्रम का नामबिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम
प्रारंभ वर्ष2012 (विभिन्न चरणों में)
नोडल विभागराजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार
प्रक्रिया का प्रकारऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों
जारी होने वाला रिकॉर्डनया खतियान और भू-मानचित्र
हेल्पलाइन नंबर18003456215

खोई हुई जमीन को अपने नाम कराने की प्रक्रिया

यदि आपकी जमीन पर किसी और का कब्जा है या उसका रिकॉर्ड गायब है, तो नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

1. आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखें

  • पुराना खतियान, जमाबंदी संख्या, मालगुजारी रसीद
  • जमीन खरीद/बिक्री के कागजात (कवाला या सेल डीड)
  • वंशावली (पुश्तैनी जमीन के लिए परिवार विवरण)
  • पहचान प्रमाण (आधार कार्ड या अन्य सरकारी आईडी)

2. स्व-घोषणा प्रपत्र-2 जमा करें

  • जमीन का खाता, खेसरा संख्या, रकबा और सीमाएं सही भरें
  • दस्तावेजों के साथ सर्वे शिविर या dlrs.bihar.gov.in पर ऑनलाइन जमा करें

3. स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय करें

  • सर्वेक्षण के समय मौजूद रहें और जमीन की सीमा सुनिश्चित करें
  • अवैध कब्जा होने पर सही जानकारी सर्वे अधिकारी को दें

4. दावा या आपत्ति दर्ज करें

  • खानापुरी पर्चा और प्रारूप अधिकार अभिलेख (प्रपत्र-12) में किसी गलती पर दावा/आपत्ति दर्ज करें
  • अंतिम अधिकार अभिलेख (Final RoR) जारी होने के बाद भी आपत्ति प्रपत्र-21 में दर्ज कर सकते हैं

5. नए दस्तावेज़ प्राप्त करें

  • डिजिटली हस्ताक्षरित अधिकार अभिलेख
  • अद्यतित भू-मानचित्र
  • कानूनी रूप से जमीन के स्वामित्व का प्रमाण

महत्वपूर्ण बातें

  • यह सर्वे 1950 के बाद बिहार में पहली बार बड़े पैमाने पर हो रहा है
  • राज्य से बाहर रहने वाले लोग भी ऑनलाइन स्व-घोषणा कर सकते हैं
  • पुराने दस्तावेज खो जाने पर अंचल कार्यालय से खतियान और जमाबंदी की जानकारी प्राप्त करें
  • सर्वे में सक्रिय भागीदारी लोकतंत्र और स्वामित्व अधिकार सुरक्षित करती है

FAQs

1. Land Survey Bihar में ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
dlrs.bihar.gov.in पर जाकर स्व-घोषणा फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।

2. क्या इसमें कोई शुल्क लगेगा?
नहीं, यह पूरी तरह मुफ्त है।

3. खोई हुई जमीन का रिकॉर्ड नहीं है तो क्या करें?
पुराने खतियान, जमाबंदी और वंशावली के दस्तावेज़ दिखाकर दावा करें।

4. क्या सभी गांवों में यह सर्वे लागू है?
हाँ, लगभग 45,000 गांवों में यह प्रक्रिया चल रही है।

5. सर्वे के दौरान अनुपस्थित रहने पर क्या होगा?
आपकी जमीन का रिकॉर्ड गलत हो सकता है, इसलिए सक्रिय रूप से भाग लेना जरूरी है।

निष्कर्ष

बिहार का यह विशेष सर्वेक्षण भूमि विवादों को खत्म करने और डिजिटल रिकॉर्ड बनाने का ऐतिहासिक मौका है। सही दस्तावेज और सावधानीपूर्वक भागीदारी से आप अपनी जमीन को कानूनी रूप से सुरक्षित कर सकते हैं। जागरूक रहें और अपनी जमीन का हक सुनिश्चित करें।

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